Saturday, March 21, 2009

"ये हम नही"

किसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये!!

किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न
आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे!!

किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रन्गीली लगे
आंख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने
लगे!!

किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आंख नम हो
जाये
उसे गर मिले एक दर्द
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो
जाये!!

किसी के बारे मे इतना न सोच
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये!!

किसी को इतना याद न कर
कि जहा देखो वो ही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जिन्दगी पीछे छूट जाये!!

ऐसा सोच कर अकेले न रहना,
किसी के पास जाने से न डरना
न सोच अकेलेपन मे कोई गम नही,
खुद की परछाई देख बोलोगे "ये
हम नही"

1 comment:

  1. किसी को इतना प्यार न कर
    के बैठे बैठे आंख नम हो
    जाये
    उसे गर मिले एक दर्द
    इधर जिन्दगी के दो पल कम हो
    जाये...
    बहुत अच्छे ढंग से उभारा है प्यार करने वालों के जज्बात को. ... हाँ जी, मोहब्बत ही तो है...
    ....कुदरत के करिश्माओं में अगर रात न होती,
    ख्वाबों में भी उनसे मुलाक़ात न होती,
    ये दिल हर एक गम की वजह है,
    ये दिल ही न होता तो कोई बात ही न होती।...

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